प्रेम शब्द
छोटा पर गूढ़
समुंदर सी गहराई
समेटे हुए
अनंत स्नेह झरना
बहता हुआ प्रेम
परिभाषित हुआ
दस्तक तेरे आने की
अहसास आज भी जिन्दा
फूलो की छुअन सा कोमल
स्पर्श महसूस बारिश बूंदों
का सा शीतल निर्मल
परम पावन ता लिए
जीवन की अंतिम अवस्था
चौथेपन तक कायम
शायद अंत तक
या अनंत जन्मों तक रहे
© शान्ति पुरोहित
छोटा पर गूढ़
समुंदर सी गहराई
समेटे हुए
अनंत स्नेह झरना
बहता हुआ प्रेम
परिभाषित हुआ
दस्तक तेरे आने की
अहसास आज भी जिन्दा
फूलो की छुअन सा कोमल
स्पर्श महसूस बारिश बूंदों
का सा शीतल निर्मल
परम पावन ता लिए
जीवन की अंतिम अवस्था
चौथेपन तक कायम
शायद अंत तक
या अनंत जन्मों तक रहे
© शान्ति पुरोहित
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