Friday, 13 March 2015

नारी की पीड़ा

 नारी निकेतन की संचालिका आभा के पास एक औरत आयी, जिद कर रही थी  उसे यहाँ नहीं रहना,  उसका पति उसे बहुत प्यार करता है उसे लेने जरुर आएगाकमलानाम था, उसका पति शहर घुमाने लेकर आया थाजब वो दुकान से चुडिया खरीद रही थीपति मौका पाकर उसे वहीं छोड़ गया|
रात भर पति के इन्जार मे बैठी रहीदो दिन तक वो नहीं आयादो दिन तक कुछ भी पेट में नहीं जाने से कमला बेहोश हो गयीआभा ने उसे देखा तो  यहाँ ले आयी |
ज्यादा कहने पर कमला के पति को खोज कर अपनी पत्नी को आश्रम से घर ले जाने के लिए बोलाउसने कहा दो दिन से घर से बाहर पराये लोगो के साथ रही औरत की मेरे घर में कोई जगह नहीं है|
दस साल बाद कमला का पति लुटा-पिटा सा उसके पास आया चलो कमला घर चलो|, कमला ने कहा ” वो कमला अपने पति के दोगले व्यवहार के कारण मर गयी है| तुम्हारे सामने कमला है वो जिन्दा लाश है जो किसी की भी पत्नी नहीं हो सकती,तुम जा सकते हो|
शान्ति पुरोहित 

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