नारी निकेतन की संचालिका आभा के पास एक औरत आयी, जिद कर रही थी उसे यहाँ नहीं रहना, उसका पति उसे बहुत प्यार करता है उसे लेने जरुर आएगा| कमला, नाम था, उसका पति शहर घुमाने लेकर आया था| जब वो दुकान से चुडिया खरीद रही थी, पति मौका पाकर उसे वहीं छोड़ गया|
रात भर पति के इन्जार मे बैठी रही| दो दिन तक वो नहीं आया| दो दिन तक कुछ भी पेट में नहीं जाने से कमला बेहोश हो गयी| आभा ने उसे देखा तो यहाँ ले आयी |
ज्यादा कहने पर कमला के पति को खोज कर अपनी पत्नी को आश्रम से घर ले जाने के लिए बोला| उसने कहा ”दो दिन से घर से बाहर पराये लोगो के साथ रही औरत की मेरे घर में कोई जगह नहीं है|
दस साल बाद कमला का पति लुटा-पिटा सा उसके पास आया ”चलो कमला घर चलो|, कमला ने कहा ” वो कमला अपने पति के दोगले व्यवहार के कारण मर गयी है| तुम्हारे सामने कमला है वो जिन्दा लाश है जो किसी की भी पत्नी नहीं हो सकती,तुम जा सकते हो|
शान्ति पुरोहित
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