जूठन
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मासूम बच्चे को गोद में लेकर करीब दस वर्षीय लडकी मेरे दरवाजे पर रोटी मांगने आयी तो उत्सुकतावश मैने उससे पूछा कि वो इतने छोटे बच्चे को लेकर क्यूँ मांगने निकली है क्या उसके माँ- बाप काम पर गये है ? तपाक से वो लडकी बोली ” पिता मजदूरी करता था | दुर्घटना में कुछ दिन पहले ही मारा गया है| माँ, किसी दुसरे आदमी के साथ भाग गयी | रह गये हम दोनों अनाथ, इतनी छोटी बच्ची ने अपने छोटे भाई के भरण-पोषण की जिम्मेदारी अपने नन्हे कन्धो पर ले ली | ये देखकर मेरा तो कलेजा ही मुहं को आने लगा |पीठ पीछे भाई को बाँध कर उसके नन्हे हाथ लोगो के सामने फैलने लगे | कोई दे देता, कोई मुहं बिचका कर आगे बढ़ जाता |जैसे -तैसे करके अपना और भाई का पेट भरती थी |कभी -कभी तो भाई का ही पेट भरने जीतनी रोटी मिलती तब खुद भूखे पेट ही सो जाती थी |आज खबर अच्छी मिली है उसने बताया ”गाँव के मुखिया की मौत हुई है पन्द्रह दिन तो भर पेट खाना मिलेगा |वो सुबह से ही मुखिया के दरवाजे पर आस के साथ बैठ गयी कि जल्दी से कोई खाना जूठा छोड़े ….
शान्ति पुरोहित
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मासूम बच्चे को गोद में लेकर करीब दस वर्षीय लडकी मेरे दरवाजे पर रोटी मांगने आयी तो उत्सुकतावश मैने उससे पूछा कि वो इतने छोटे बच्चे को लेकर क्यूँ मांगने निकली है क्या उसके माँ- बाप काम पर गये है ? तपाक से वो लडकी बोली ” पिता मजदूरी करता था | दुर्घटना में कुछ दिन पहले ही मारा गया है| माँ, किसी दुसरे आदमी के साथ भाग गयी | रह गये हम दोनों अनाथ, इतनी छोटी बच्ची ने अपने छोटे भाई के भरण-पोषण की जिम्मेदारी अपने नन्हे कन्धो पर ले ली | ये देखकर मेरा तो कलेजा ही मुहं को आने लगा |पीठ पीछे भाई को बाँध कर उसके नन्हे हाथ लोगो के सामने फैलने लगे | कोई दे देता, कोई मुहं बिचका कर आगे बढ़ जाता |जैसे -तैसे करके अपना और भाई का पेट भरती थी |कभी -कभी तो भाई का ही पेट भरने जीतनी रोटी मिलती तब खुद भूखे पेट ही सो जाती थी |आज खबर अच्छी मिली है उसने बताया ”गाँव के मुखिया की मौत हुई है पन्द्रह दिन तो भर पेट खाना मिलेगा |वो सुबह से ही मुखिया के दरवाजे पर आस के साथ बैठ गयी कि जल्दी से कोई खाना जूठा छोड़े ….
शान्ति पुरोहित
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