गीतिका
नेह मेह अति बरसे
होकर बेकाबू नभ से
होकर बेकाबू नभ से
मेघ छोड़ अब पीछा
अवनि पुकारे कब से
अवनि पुकारे कब से
हुआ बहुत जल प्लावन
त्राहिमाम करे सब रब से
त्राहिमाम करे सब रब से
बरसों जहाँ हो सूखा
मिले निजात अजल से
मिले निजात अजल से
कितनी कहाँ हो बारिश
पूछो कभी भू तल से
पूछो कभी भू तल से
हुआ बहुत जल प्लावन
करे शान्ति पाठ रब से
करे शान्ति पाठ रब से
************************************शान्ति
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