Monday, 9 June 2014

तंगी

तंगी
कमला ने अपनी पडौसन सीता से पूछा '' तुम एक कमाने वाली और इतने जन खाने वाले है कम आय में कैसे चला लेती हो | घर में किसी चीज की कमी नहीं है |, '' और क्या करती हूँ बनिये से राशन उधार ले आती हूँ ; जब तक वो देता है काम चल जाता है | और नहीं देता है तो कुछ रूपये दे देती हूँ तो फिर देने लगता है |, सीता ने कहा |
    ' तुम भी तो घर में एक ही कमाने वाली हो,पति तो तेरा दारु पीकर पड़ा रहता है | उसे दारू के पैसे भी तुम ही को देने होते है | फिर कैसे होता है ये सब तुमसे ? सीता ने उत्सुकतावश पूछा |
              '' पैसो की तंगी तो रहती ही है पर में थोडा टाइम निकाल कर साहब लोगो के घर चौका बर्तन करती हूँ | मेम साहब कुछ दे देती है 

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