दहेज नाम से ही उसे नफरत हो गयी | बहन की शादी में सबसे बड़ा रोड़ा था दहेज | उसने दहेज के विरुद्ध बहुत बड़ी मुहिम छेड़ने का मन बनाया था | इसके लिए एक टीम भी बनाई | पर उसे उस समय बड़ा झटका लगा जब उसकी टीम में से अधिकाँश लडको ने दहेज लेकर विवाह किया |
बहन की बारात बिना दुल्हन लिए लौट गयी | उसी मंडप में एक भला मानुष भी आया हुआ था | उसके साथ बहन का पाणीग्रहण संस्कार सम्पन हुआ | वही सज्जन दहेज विरोधी उसकी मुहिम का मुखिया घोषित हुआ |
wah bahut badhiya ....sundar sandesh deti huyee laghu katha
ReplyDeleteशुक्रिया उपासना
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