जल के बिना
सृष्टि निर्वाह नहीं
सदुपयोग
है ये अमूल्य निधि
धरती का अमृत
2
नदी का नीर
अवनि धरोहर
सुरक्षित हो
जल ही प्राणाधार
प्रदूषित ना करो
सृष्टि निर्वाह नहीं
सदुपयोग
है ये अमूल्य निधि
धरती का अमृत
2
नदी का नीर
अवनि धरोहर
सुरक्षित हो
जल ही प्राणाधार
प्रदूषित ना करो
शांति पुरोहित
नियति नटी
मानव को नचाये
चाहे ना चाहे
बहु रंग दिखाए
कोई समझ ना पाए
गाय हमारी
संरक्षक सदैव
काटो ना इसे
धरोहर धरा की
है आर्थिक संबल
संरक्षक सदैव
काटो ना इसे
धरोहर धरा की
है आर्थिक संबल
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