Monday 24 November 2014

जीवन मग में पिता का त्रानहर्ता पुत्र होता है
पिता की जर्जर अवस्था,बुढ़ापे का सहारा होता है
कुल दीपक माता-पिता का राजदुलारा होता है
माँ के सुख का आसमान,आँखों का तारा होता है
पिता की ऊँगली पकड़े डगमग चलते बचपन में
काँपते हाथ बुढ़ापे में हाथ में लिए होता है
माता के सुख का आधार,पिता की आँखों का नूर
माँ-पिता के प्राणों का धन,जीवन का आधार होता है
अंत समय देता जल अँजुरी ,तर्पण का अधिकारी
श्रवण कुमार जैसा हो पुत्र, मोह सबको होता है
*********************शान्ति पुरोहित

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