Thursday 6 November 2014

भाग्यशाली

भाग्यशाली ……
राधे लाल जी ने एक पल के लिए भी नही सोचा था कि उनको बिना लाठी की मार खानी पड़ेगी | लाडले बेटे शिव की सगाई, बड़ी धूम-धाम से कुछ दिन पहले ही की थी| दो माह बाद शादी की तिथि घोषित हुई थी | पर ये क्या ! जिसकी बारात निकलनी थी | आज उसकी अर्थी निकल रही है | हर परिचित की आँखे नम थी | दुख की इस घड़ी में बहुत से लोग उनको सांत्वना देने को आये हुए थे | उन्ही में से किसी की आवाज आयी ” लडकी अभागी है| रिश्ता होते ही लडके को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा | दुःख का पहाड़ टूट पडा फिर भी लडके का पिता बोला ” आप कौन होते हो ये तय करने वाले, कि लडकी के कारण ये सब हुआ , वो तो नसीब वाली है जो ये शादी से पहले हुआ | किस्मत तो हमारी फूटी है | हमे उम्र भर पहाड़ सा दुःख झेलना है |,
शान्ति पुरोहित

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