बेहतरीन !!
मुकेश कुमार सिन्हा जी बहुत शुक्रिया
कोई तो कहीं और राह होती है...sahi kaha, na ho..to bhi nikaalni padti hain raahen !
आभार प्रीति अज्ञात आपका
कुलदीप ठाकुर जी आपका बहुत शुक्रिया मेरी रचना को मान दिया
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
कैलाश शर्मा जी आभार
बेहतरीन !!
ReplyDeleteमुकेश कुमार सिन्हा जी बहुत शुक्रिया
Deleteकोई तो कहीं और राह होती है...sahi kaha, na ho..to bhi nikaalni padti hain raahen !
ReplyDeleteआभार प्रीति अज्ञात आपका
Deleteकुलदीप ठाकुर जी आपका बहुत शुक्रिया मेरी रचना को मान दिया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteकैलाश शर्मा जी आभार
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