ज्योति-कलश
Tuesday, 23 December 2014
मुक्तक
दिसंबर माह सर्दी का जोर
सूरज गायब कोहरा घनघोर
गर्म लिबास अलाव का ताप
राहत नही सर्द हवा का जोर
शान्ति पुरोहित
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