मन वितृष्णा से भर रोता पेशावर बच्चो के लिए
कितने सपने और खुशियाँ थी पेशावर बच्चो के लिए
जालिमो ने कुचल डाला उन पल्लवित पुष्पों को
सांता भी अब जार जार रोये पेशावर बच्चो के लिए
शान्ति पुरोहित
कितने सपने और खुशियाँ थी पेशावर बच्चो के लिए
जालिमो ने कुचल डाला उन पल्लवित पुष्पों को
सांता भी अब जार जार रोये पेशावर बच्चो के लिए
शान्ति पुरोहित
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