राम सीता हीरक मणि
वीर बालाजी उर धणी
वीर बालाजी उर धणी
राम का नाम रटते रह
पाप ताप नहीं रहणी
पाप ताप नहीं रहणी
मोह तिमिर सब नष्ट होते
नाम सुमिर भव पार तरणी
नाम सुमिर भव पार तरणी
राम का संदेश दिया
सीय माता दुःख हरणी
सीय माता दुःख हरणी
युगल नयन जल से भीगे
दीनि जब मुद्रिका मणि
दीनि जब मुद्रिका मणि
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^शान्ति
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