Tuesday, 14 October 2014

गीतिका

राम सीता हीरक मणि
वीर बालाजी उर धणी
राम का नाम रटते रह
पाप ताप नहीं रहणी
मोह तिमिर सब नष्ट होते
नाम सुमिर भव पार तरणी
राम का संदेश दिया
सीय माता दुःख हरणी
युगल नयन जल से भीगे
दीनि जब मुद्रिका मणि
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^शान्ति

No comments:

Post a Comment