"ये तुम्हारी मम्मी को क्या होगया है ,आजकल रोज ही बाल्कनी मे खड़ी होकर किससे फोन पर बतियाती रहती है | कंही किसी के साथ इश्क का कोई चक्कर तो नहीं है |पता करो"…… सिमी को अपनी फ्रेंड के मुंह से ये सब सुन के बहुत बुरा लगा ,क्योकि अपनी मम्मी को वो बहूत प्यार करती थी | माँ बेटी दो जनों का ही परिवार था ,तो जाहिर था उसके लिये माँ ही सब कुछ थी | उसने इस बात के लिए रीना से झगडा भी किया रीना गुस्सा होकर अपने घर चली गई , पर जाते जाते सिमी के दिमाग में शक नाम का कीड़ा भी डाल गई |
अब जाहिर है की पुरे दिन उसका ध्यान अपनी मम्मी पर ही लगा रहा पर मालती अपने फोन को एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ ती थी| सिमी मौका देखने लगी की केसे उसे मम्मी का फोन मिले और वो उस व्यक्ति का पता लगाये , जिससे वो बाते करती है | सिमी का शक भी यकीन मे बदलने लगा था | एक दिन वो कॉलेज से जल्दी घर आगयी , उसने देखा की मालती किसी के साथ फोन पे हंस हंस के बाते करने मे मशगुल है | मम्मी को उसके आजाने का जरा भी भान नै हुआ ,ये देख के तो और भी दुखी हुई |कुछ जान सके, इसलिए वो वहा खड़ी होगयी जंहासे मम्मी की बाते सुन सके,और वो मम्मी को दिखे भी नहीं | तभी उसके कानो में आवाज आई ”नहीं राजीव अब ये सब करने की उम्र नहीं रही ,अब तो उम्र के उस पड़ाव पर हू जहाँ ये सोचना शोभा नहीं देता | में तो इस बात से ज्यादा दुखी हु की कही मेरी बेटी को भी किसी से प्यार न हो जाये , में कहा कर पाउगी दोबारा ये सब ” ये कहकर वो जोर से हस पड़ी |सिम्मी के कानो में जेसे किसीने उबलता हुआ गरम तेल डाल दिया हो ,वो गुस्से से तम तमाती हुई अपने कमरे में चली गई ,इधर मालती बात ख़तम करके आई तो पता चला की बेटी कालेज से आ गई हैतो वो सीधे उसके कमरे में गई और बोली ”तुम कब आई सिम्मी ” ये सुन गुस्से से जोर से बोली ”जब आप अपने दोस्त के साथ फोन पर बाते कर रहीथी ,और मुंह फेर के सो गई | मालती को एहसास हो गया था की सिम्मी को उसका राजीव के साथ बात करना बरदास्त नहीं हुआ | उसी वक्त राजीव को फोन किया और कहा ”आज के बाद मुझे फोन मत कर ना ”उधर राजीव पूछता रहगया की क्या हुआ ….तब तक उसने फोन कट कर दिया |उस दिन के बाद माँ -बेटी में कोई संवाद नहीं हुआ ,जेसे अजनबी हो ,
तभी सिम्मी अपने साथ एक इसाई लड़के को लाई और मालती से कहती है की ”मम्मी में जॉन से प्यार करती हु और शादी कर ना चाहती हु ”मालती सुन कर हतप्रभ हो गई ,जेसे उसे सांप सूंघगया हो | कुछ पल के बाद अपने आप को सहज कर के बेटी को समझा ने के लिए जेसे ही मुह खोला की सिम्मी बीच में ही बोल पड़ी उस लड़के के सामने ही अपनी माँ को कहा” आप शादी का सोचो उससे पहले में शादी कर लू ”,और वो जॉन के साथ दुसरे कमरे में चली गई |
अब मालती की जान उसकी बेटी में अटकी पड़ी थी की उस की बेटी के साथ कुछ एसा वेसा न हो जाये ,मालती को राजीव पर गुस्सा आरहा था की उसने क्यों राजीव के साथ बातो का सिलसिला शुरु की या,रात को वो सिम्मी के कमरे में गई ,सिम्मी सो रही थी ,जेसे ही उसने अपना हाथ प्यार से उसके सर पर रखा सिम्मी ने उसका हाथ झटक कर दूर कर दिया और बोली ”मुझ से दूर रहो आप और मेरी शादी की तैयारी करो ” मालती रो पड़ी |
दुसरे दिन रोज की तरह नास्ता नहीं बना ,तो सिम्मी चिल्लाने लगी अब नास्ता भी नहीं मिलेगा क्या ,गुस्से से वो मालती के कमरे में गई लेकिन वहा का दृश्या देख कर आवक रह गई और भाग कर माँ के पास चली गई | मम्मी ने नींद की गोलिया खाली थी | अब उसे समझ नही आ रहा था की वो क्या करे ,कुछ सोच कर उसने मम्मी का फोन उठाया और राजीव को फोन किया और कहा की ” मम्मी ने नींद की गोलिया खाली है कुछ कीजिये जल्दी से प्लीज ”कुछ देर बाद राजीव एम्बुलेंस को साथ ले कर आया , और मालती को अस्पताल पहुँचाया |
डॉ. ने सात घंटे के बाद आकर बोला की अब वो खतरे से बाहर है |सिमी और राजीव ने राहत की साँस ली , रीना ने ओपचारिकता के नाते राजीव का धन्यवाद किया,और वो मम्मी के पास चली गई और झगड़ा करने लगी की ”आपको अगर कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता ” माँ बेटी एक दुसरे के गले लग कर रोयी तबी डॉ. आया बोला की ”इनको अभी आराम करने दो ”और मालती सो गई |
अब सिमी ने राजीवे से कहा की ”अंकल बुरा मत मानना पर मेरे पापा की जगह कोई नहीं ले सकता ” तब राजीव बोला ”तुमे पता है की तुम्हारे पापा कोन है| सिमी बोली नहीं मम्मी को इस बात से तकलीफ होती थी ,इस लिए कभी पूछा नहीं ,राजीव बोला ”सच बात तो ये है की तुम्हारे पापा कोई है ही नहीं ,तुम्हारी मम्मी का बलात्कार हुआ था और तुम्हारा जन्म हुआ | घर के लोगो ने मम्मी से तुमे कोख में मारने के लिए बोला पर उसने कहा इसमें इस बच्चे का क्या कसूर है में इसे नहीं मार सकती ,और तुम्हारी मम्मी ने सबके विरोध के बावजूद तुम्हे जन्म दिया ,इतना बड़ा किया और एक बेहतर जीवन दिया ,और जब मैंने उसे थोडा सहारा देना चाहा तो तुम उसे गलत समझ ने लगी | अपनी माँ को समझो तुम्हारे प्रति उसकी वात्सल्यता की भावना समझो |
कुछ देर चुप रहने के बाद सिमी राजीव से बोली ”आप मेरे पापा बनोगे राजीव की आँखों मै ये सुन के आंसू आ गये | सुबह जब मालती की आँख खुली तो उसने राजीव और सिमी को एकसाथ अपने पास बेठे देखा और गुस्से से बोली राजीव तुम यहाँ क्यों आये हो तुरंत चले जावो तभी सिमी ने माँ को चुप रहने का इशारा किया और बोली ”मम्मी मुझे मेरे पापा मिल गये और वो राजीव है मालती ने सिमी को गले से लगा लिया अब मालती राजीव और सिमी खुश थे|
शांति पुरोहित
बहुत बढ़िया कहानी .....हर किसी को ख़ुशी के पल जीने का हक़ होता है ...आपको बधाई शांति जी
ReplyDeletebahut hi achchi kahani..aise hi likhte rahena..
ReplyDeleteNeeta shukriya ji
Deleteबहुत सुंदर बात कही आप ने शांति जी कहानी के माध्यम से ....
ReplyDeleteshukriya Rama sakhi
Deleteकहानी का तथ्य बहुत अच्छा है ...
ReplyDeleteफिर भी ये ही कहूँगी कि लिखने से पहले गलतियाँ देख लीजिए ...पढ़ने में बाधा पड़ती है
Shukriya Anjuji....aage se jarur dyan rhakhungi
Deleteबहुत सुन्दर कहानी...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteshukriya kailash ji
Deleteउम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteshukriya madanji aapka
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