Friday 13 March 2015

"आखिरी साड़ी"

"आखिरी साड़ी"
अब तो विमला के लिए होली का त्यौहार मात्र एक रस्म निभाने जैसा है। उनके परिवार में होली के ही दिन बहुत बड़ा हादसा जो हो गया था। बड़े बेटे के बच्चे की पहली होली थी। धूम धाम से उसके लिए पूजन की तैयारी चल रही थी। बस अब तो बुआ के ससुराल से आने का इंतजार हो रहा था। इतने में ही बुआ का देवर आया और उसके आते ही सारी तैयारी धरी की धरी रह गयी। बुआ होली की परिक्रमा कर रही थी। बहुत तेज हवा चलने के कारण उसके पल्लू ने आग पकड़ ली जब तक बचाते तब तक लगभग शरीर जल चूका था। भाभी ने बड़े ही चाव से ननद को पीली साड़ी होली पर पहनने को दी थी। और वही साड़ी उसकी आखिरी साड़ी बन गयी या उसका कफ़न बन गयी ।
शान्ति पुरोहित

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