रंग (विषयाधारित) 'अब तुम भी अपना रंग दिखाओगी मुझे?, नही मेम साहब रंग नही, सच में मैं, अब काम छोड़ रही हूँ, मेरा मर्द अब सरकारी अस्पताल में ठेके में चपरासी की नौकरी लगा है। अब मैं भी आपकी तरह मेम बनकर घर पर बैठेगी !,बहुत अरसे से हसरत थी। मेम साहब…" मेम साहब mrs. ममता सिंह निशब्द;|
शान्ति पुरोहित
शान्ति पुरोहित
आपने बहुत ही शानदार पोस्ट लिखी है. इस पोस्ट के लिए Ankit Badigar की तरफ से धन्यवाद.
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